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व्यवसाय (Business)

व्यवसाय (Business)

आर्थिक क्रियाएं = व्यवसाय + पेशा + रोज़गार
Economic Activities = Business + Profession + Employment

परिचय (Introductin):- व्यवसाय का आरंभ प्रायः आर्थिक क्रियाओं से होता है। आर्थिक क्रियाएँ व्यवसाय,  पेशा तथा रोजगार से मिलकर पूरी होतीं हैं।आर्थिक क्रिया से अभिप्राय मानवीय क्रियाओं से हैं।

व्यवसाय (Business)

मानवीय क्रियाएँ (human activities): मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति तथा संतुष्टि के लिए जो भी क्रिया करता है, उसे मानवीय क्रिया कहते हैं। मानवीय आवश्यकताएं धन से भी संबंधित हो सकती हैं और मानसिक शान्ति से संबंधित भी हो सकती हैं। इसी आधार पर इन क्रियाओं को दो भागों में बांटा जा सकता है :-

  1. आर्थिक क्रियाएँ (Economic Activities)  
  2. अनार्थिक क्रियाएँ (Non - Economic Activities).

A. आर्थिक क्रियाएँ (Economic Activities) :- वे क्रियाएँ जिनका उदेश्य प्रायः धन कमाना होता है, आर्थिक क्रियाएँ कहलाती हैं (It refers to that economic activities which is undertaken with the objective of earning money)। जैसे - वस्तुओं का क्रय - विक्रय करना, वकालत का काम करना, किसी फैक्टरी में काम करना या नोकरी करना इत्यादि। आर्थिक क्रियाएँ निम्नलिखित तीन प्रकार की होतीं हैं :-
1. व्यवसाय (Business):- व्यवसाय का अर्थ उस आर्थिक क्रिया से है जो निरन्तर आधार पर वस्तुओं व सेवाओं के उत्पादन एवं विक्रय द्वारा लाभ कमाने के लिए की जातीं हैं। (जैसे - कपड़े की दुकान, ट्रांसपोर्ट कंपनी आदि। कपड़े की दुकान पर वस्तुओं का क्रय विक्रय होता है और ट्रांसपोर्ट कंपनी में सेवाओं का क्रय विक्रय होता है। ट्रांसपोर्ट कंपनी कोई माल नहीं बेचती अपितु माल को एक जगह से दूसरे जगह पर पहुँचाने की सेवा देकर भाड़ा (Carriage) लेती हैं।
2. पेशा (Profession):- पेशे से अभिप्राय एक विशिष्ट ज्ञान प्राप्त व्यक्ति द्वारा कुछ निर्धारित शुल्क अथवा फीस लेकर दूसरे व्यक्तियों का मार्गदर्शन करना होता है। यह वो आर्थिक क्रिया है जो एक विशेष ज्ञान एवम कुशलता प्राप्त व्यक्ति द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों की नि:स्वार्थ सेवा करने के लिए की जाती है। जैसे - वकालत, चिकित्सा, शिक्षक इत्यादि।
3. रोजगार (Employment):- रोजगार से अभिप्राय एक विशेष समझौते के अंतर्गत पारिश्रमिक के बदले दूसरों के लिए काम करने से लिया जाता है। जैसे- कारखानों , सरकारी कार्यलयों में नोकरी करना इत्यादि।

B. अनार्थिक क्रियाएँ (Non - Economic Activities):- वह क्रियाएँ जिनका उद्देश्य धन कमाना नही होता बल्कि सेवा करना होता है अनार्थिक क्रियाएँ कहलाती हैं (It refers to that activities which is undertaken with the objective of getting psychological satisfactions)। जैसे - धर्म प्रचार, देश सेवा आदि।

अब हम व्यवसाय के बारे में जानेंगे:- 

व्यवसाय का अर्थ (Meaning of Business):- सरल शब्दों में व्यवसाय का आशय वस्तुओं के क्रय विक्रय से ही लगाया जाता है। लेकिन विस्तृत शब्दों में व्यवसाय का अर्थ उन सभी क्रियाओं के योग से है जो वस्तुओं व सेवाओं के उत्पादन से लेकर उनको अंतिम उपभोक्ताओं तक पहुँचाने में की जाती हैं। यहां पर सेवाओं से अभिप्राय उन क्रियाओं से है जो वस्तुओं को उत्पादन स्थान से उपभोग स्थान तक पहुँचाने के लिए की जाती हैं। जैसे :- परिवहन एवं सन्देशवहन, बीमा, भंडारगृह, बैंकिंग आदि। (It refers to that economic activity which is conducted on regular basis to earn profit through the production and sale of goods and services.)

व्यवसाय की परिभाषाएँ ( Definitions of Business):- 

1. डॉ. डब्ल्यू. आर. स्प्रीगल के अनुसार, "वे समस्त क्रियाएँ जो वस्तुओं या सेवाओं के उत्पादन एवं विक्रय के लिए की जाती हैं, व्यवसाय कहलाती हैं।" (All of the activities included in the production and sale of goods or services may be classified as business activities. - Dr. W. R. Spriegal)

2. एल. एच. हैने के अनुसार, "वह मानवीय क्रिया व्यवसाय कहलाती है जिसके अंतर्गत वस्तुओं के क्रय विक्रय द्वारा धन उत्पन्न या प्राप्त किया जाए।" (Business may be defined as human activity direct producing or acquiring wealth through buying or selling goods. _ L. H. Haney)

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